गोविषाण टीला
उधमसिंह नगर की तराई में स्थित काशीपुर में नगर से आधे मील की दूरी पर गोविषाण टीला अपने भीतर कई इतिहास समेटे हुए है। कहा जाता है कि यहाँ चीनी यात्री ह्वेनसांग और फाहियान आए थे। फाहियान गुप्तकाल के दौरान...
View Articleतीन पैरों वाली गायत्री माता
तीन मुख या चार भुजा वाली मूर्तियों का जिक्र तो अक्सर होता है, लेकिन क्या आपने कभी तीन पैरों वाली माता के बारे में सुना हैं? नहीं ना, तो आइए आपको ले चलते हैं देवास जिले की तहसील हाटपीपल्या के नृसिंह...
View Articleजैन तीर्थस्थली : अष्टापद तीर्थ
तीर्थ क्षेत्र के रूप में, जैन परंपरा के अनुसार हस्तिनापुर एक ऐसी पावन भूमि है जहाँ की गाथाएँ न केवल राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अनुगूंजित होती रही हैं। जहाँ हस्तिनापुर महाभारत से...
View Articleसंत घासीदास की तपोभूमि
सतनाम पंथ के प्रवर्तक व महान समाज सुधारक संत गुरु बाबा घासीदास की तपोभूमि अब पहले से ज्यादा मनमोहक हो गई है। राज्य सरकार ने यहाँ 14 करोड़ रुपए की लागत से विकास कार्य कराए हैं, वहीं कुतुबमीनार से ऊँचे...
View Articleराजगीर : जैन, बौद्ध धर्मावलंबियों का तीर्थ
भगवान बुद्ध का भस्मावशेष आठ हिस्सों में बटाँ था। लिच्छवी गणराज्य को मिला एक हिस्सा वैशाली में हुई खुदाई से प्राप्त हुआ जो आज पटना संग्रहालय में सुरक्षित है। मान्यता है कि एक हिस्सा अजातशत्रु को भी मिला...
View Articleसंस्कृति की पहचान झूलेलाल मंदिर
मध्यप्रदेश के जबलपुर शहर में चेटीचंड महोत्सव की शुरुआत वर्ष 1974 से हुई, तब थावरदास रोहरा उत्सव मंत्री बने थे। प्रारंभ काल में हाथ ठेले पर बहराणा साहिब की ज्योति प्रज्ज्वलित कर चाचर नृत्य के साथ नगर...
View Articleमंदिर-गुरुद्वारे हैं नोएडा की शान
नोएडा शहर में धार्मिक स्थलों की इतनी मान्यता है कि न केवल नोएडा, बल्कि दिल्लीसमेत आसपास के इलाकों से भी लोग यहाँ के मंदिर और गुरुद्वारे आते हैं। कोई मंदिर यहाँ द्वापर काल का बना है तो किसी गुरुद्वारे...
View Articleहरियाणा का गायत्री शक्तिपीठ
दिल्ली से सटे हरियाणा का बहादुरगढ़ इलाके का कसार गाँव पिछले कुछ वर्षों से धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में चर्चित हो रहा है। यहाँ स्थित वेदमाता गायत्री शक्तिपीठ के दर्शन के लिए देश-विदेश से भारी संख्या...
View Articleमथुरा का काली मंदिर
उत्तरप्रदेश के मथुरा जनपद में एक ऐसा मंदिर है जहाँ देवी के दर्शन करने के लिए चैत्र शुक्ल नवमी के दिन सैकड़ों श्रद्धालु तलवार-भाले बल्लम-लाठी आदि हथियार लेकर आते हैं और जबरन दर्शन कर प्रसाद लूटने का...
View Articleमाँढरे वाली माता मंदिर
ग्वालियर शहर के कुछ बेहद पुराने व ऐतिहासिक मंदिरों में से है 'श्री महाकाली देवी अष्टभुजा महिषासुर मर्दनी माता मंदिर'। इस मंदिर को लोग 'माँढरे की माता' के नाम से भी जानते हैं। शहर के कंपू क्षेत्र स्थित...
View Articleराजस्थान की करणी माता
दैवीय शक्ति को समर्पित इस स्थान के कुछ रहस्य आज भी बरकरार हैं जो किसी के लिए श्रद्धा तो किसी के लिए खोज का विषय बने हुए हैं। लोग इस मंदिर में आते तो 'करणी माता के दर्शन के लिए हैं पर साथ ही नजरें खोजती...
View Articleप्राचीन शीतला मंदिर
गुड़गाँव स्थित प्राचीन शीतला माता मंदिर देश के प्रमुख शक्तिपीठ में से एक है। इस मंदिर के पीछे मान्यता यह है कि यहाँ माँगी गई सभी मुरादें माँ शीतला पूरी करती है। मार्च-अप्रैल में यहाँ लगने वाले चैत मेले...
View Articleइंदौर के प्राचीन जैन मंदिर
धर्मों के मामले में इंदौर काफी सराहनीय है। मध्यप्रदेश के इंदौर में जैन समाज के कई बड़े-बड़े और प्राचीन मंदिर हैं। और जैन समुदाय भी बहुत बड़े स्तर पर है। आइए हम आपके लिए लेकर आए हैं इंदौर के कुछ खास...
View Articleप्रसिद्ध हनुमान मंदिर
हनुमानजी की जयंती देश भर में उल्लास के साथ मनाई जा रही है। हनुमान जी को प्रसन्न करने के विभिन्न उपाय किए जा रहे हैं। प्रस्तुत है, इंदौर स्थित प्राचीनतम एवं सिद्ध हनुमान मंदिरों की जानकारी : इंदौर के...
View Articleनौ ग्रहों पर बना विश्व का पहला मंदिर
मध्यप्रदेश राज्य के इंदौर जिले के एरोड्रम क्षेत्र में बनाया गया दिगंबर जैन नवग्रह जिनालय विश्व का पहला अनूठा मंदिर है। इस मंदिर में नौ ग्रहों के आधार पर 24 तीर्थंकरों की खडगासन प्रतिमाएँ विराजित हैं।...
View Articleउज्जैन के तीन तीर्थ
पुराणों के अनुसार अष्टाविंशति तीर्थ यात्रा कर्कराज मंदिर से प्रारंभ होती है। इसे रेती घाट भी कहा जाता है। कर्कराज मंदिर से ही कर्क रेखा होकर गुजरी है। इस स्थान का महत्व यहाँ लगा स्तंभ बयाँ कर रहा है।...
View Articleतांत्रिक भैरव मंदिर
बाजनामठ देश का दुर्लभ तांत्रिक मंदिर है। सिद्ध तांत्रिकों के मतानुसार यह ऐसा तांत्रिक मंदिर है जिसकी हर ईंट शुभ नक्षत्र में मंत्रों द्वारा सिद्ध करके जमाई गई है। ऐसे मंदिर पूरे देश में कुल तीन हैं,...
View Articleउज्जैन के नौ नारायण
पुरुषोत्तम मास में जहाँ दान धर्म आदि करने का उल्लेख पुराणों में किया गया है वहीं विभिन्न यात्राएँ भी इसी माह में होती है। नौ नारायण यात्रा प्रमुख है। नौ नारायणों के दर्शन करने से नौ ग्रहों की शांति हो...
View Articleजहाँ यमराज ने की थी तपस्या
मैसाणा से 25 किलोमीटर और अहमदाबाद से 102 किलोमीटर की दूरी पर मोढेरा स्थित है जहाँ मातंगि का कुल स्थान है। मोढेरा से 8 किलोमीटर दूर स्थित है प्राचीन सूर्य मंदिर और मोढेरा से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी...
View Articleश्री सम्मेद शिखरजी
गिरिडीह जिले में झारखंड का हिमालय कहे जाने वाले पारसनाथ पर्वत पर जैनियों का पवित्र तीर्थ शिखरजी श्रद्धा का केंद्र बना हुआ है। यह जैनियों का विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल शिखरजी है। एक ओर पारसनाथ पर्वत इस...
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