पुराणों के अनुसार अष्टाविंशति तीर्थ यात्रा कर्कराज मंदिर से प्रारंभ होती है। इसे रेती घाट भी कहा जाता है। कर्कराज मंदिर से ही कर्क रेखा होकर गुजरी है। इस स्थान का महत्व यहाँ लगा स्तंभ बयाँ कर रहा है। तीर्थयात्री भूखी माता के सामने से यहाँ पहुँचेंगे ...
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