दुनिया में सर्वधर्म सद्भाव की अद्भुत मिसाल है अजमेर शरीफ की दरगाह...
देश की स्वतंत्रता के बाद पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू ने भी ख्वाजा के दरबार में मत्था टेका है। महान कवि रवीन्द्रनाथ टैगोर, सरोजिनी नायडू, पंडित मदनमोहन मालवीय से लेकर जयप्रकाश नारायण, अटल...
View Articleयहूदियों के पवित्र स्थल पर मुसलमानों का दावा
जेरूशलम या यरुशलम बहुत ही प्राचीन शहर है। इस शहर के बारे में जितना लिखा जाए, कम है। काबा, काशी, मथुरा, अयोध्या, ग्रीस, बाली, श्रीनगर, जफना, रोम, कंधहार आदि प्राचीन शहरों की तरह ही इस शहर का इतिहास भी...
View Articleएक शिव मंदिर जहां चढ़ती है झाड़ू, जानिए रहस्य
ग्रामीणों का कहना है कि पातालेश्वर मंदिर में जो कोई भक्त अगर अपनी सच्ची श्रद्धा से झाड़ू अर्पित करे तो उसके....जानिए राज...
View Articleमहाकालेश्वर की सवारी का यह है इतिहास
आज जो राजा महाकालेश्वर की सवारी का भव्य स्वरूप है उसका संपूर्ण श्रेय श्री बुच साहब को जाता है। यह बात बहुत कम लोगों को पता है कि शाही सवारी की यह यशस्वी परंपरा का इतिहास क्या है और कब से यह परंपरागत...
View Articleयमुना के पार गोकुल को पहले ये कहते थे....
आज से लगभग 5 हजार 129 वर्ष पूर्व उत्तरप्रदेश के मथुरा में भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था। गोकुल मथुरा से 15 किलोमीटर दूर है। यमुना के इस पार मथुरा और उस पार गोकुल है। मथुरा के बाद गोकुल की यात्रा करना...
View Articleकाशी विश्वनाथ : जिनके दर्शन से होते है अनेक जन्मों के पाप दूर...
भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में शामिल उत्तरप्रदेश की प्राचीन धार्मिक नगरी वाराणसी में सोमवार को सावन के तीसरे सोमवार के मौके पर 'काशी विश्वनाथ' के जलाभिषेक एवं पूजन-दर्शन के लिए यहां आए लाखों...
View Articleश्री नागचण्डेश्वर महादेव : जिनके दर्शन से होता है समस्त दोषों का नाश...
मान्यतानुसार श्री नागचण्डेश्वर महादेव के दर्शन करने से दोषों का नाश होता है। ज्ञान से या अज्ञान से किया हुआ पाप धूमिल हो जाता है। ऐसा माना जाता है कि श्री नागचन्देश्वर के दर्शन से आरोग्य के साथ-साथ यश...
View Articleचमत्कारिक है हिंगलाज माता का ये शक्तिपीठ, मुसलमान कहते हैं 'नानी पीर'
माता सती के 51 शक्तिपीठों में से एक शक्तिपीठ पाकिस्तान के कब्जे वाले बलूचिस्तान में स्थित है। इस शक्तिपीठ की देखरेख मुस्लिम करते हैं और वे इसे चमत्कारिक स्थान मानते हैं। इस मंदिर का नाम है माता हिंगलाज...
View Articleतो शिर्डी के साथ दुनियाभर में खिर्डी का भी नाम होता...
कहते हैं कि शिर्डी जाते समय साईं बाबा खिर्डी नामक एक गांव में रुके थे लेकिन उस गांव के लोगों ने उनका अपमान कर उन्हें वहां से भगा दिया था। तब बाबा शिर्डी चले गए। यदि उस गांव के लोग ऐसा नहीं करते तो बाबा...
View Articleबिहार का सूर्य मंदिर है देशी-विदेशी पर्यटकों की आस्था का केंद्र...
बिहार के औरंगाबाद जिले में देव स्थित ऐतिहासिक त्रेतायुगीन पश्चिमाभिमुख सूर्य मंदिर अपनी कलात्मक भव्यता के लिए सर्वविदित और प्रख्यात होने के साथ ही सदियों से देशी-विदेशी पर्यटकों, श्रद्धालुओं और...
View Articleमदिरापान करती हैं काल भैरव प्रतिमा लेकिन कैसे यह कोई नहीं जानता...
शिप्रा के उत्तर तट पर 'कालभैरव' का सुविशाल मंदिर है। मंदिर के पास नीचे शिप्रा नदी का घाट बहुत बड़ा और सुंदर पुख्ता बना हुआ है। प्रवेश द्वार बहुत भव्य ऊंचा बना हुआ है। द्वार के अंदर प्रवेश करने पर दीप...
View Articleयहां बैठकर वेद व्यास ने कही और गणेशजी ने लिखी थी महाभारत
व्यास पोथी नामक स्थान बद्रीनाथ से 3 किलोमीटर की दूरी पर उत्तराखंड के माणा गांव में स्थित है। यहां महाभारत के रचनाकार महर्षि वेद व्यासजी की गुफा है। इसके समीप ही गणेश गुफा है, मान्यता है की इसी गुफा...
View Articleचित्रकूट धाम : जहां वनवास के दौरान ठहरे थे प्रभु राम-सीता और लक्ष्मण
चित्रकूट धाम एक भव्य पवित्र स्थल है जहां पर पांच गांव का संगम हैं। इस स्थान पर कारवी, सीतापुर, कामता, कोहनी, नयागांव जैसे गांवों का संगम है। भारत के प्रमुख तीर्थस्थलों में से चित्रकूट को प्रमुख माना...
View Articleश्री सोमनाथ मंदिर की कथा, इतिहास और महत्व
अरब सागर के तट पर स्थित आदि ज्योतिर्लिंग श्री सोमनाथ महादेव मंदिर की छटा ही निराली है। यह तीर्थस्थान देश के प्राचीनतम तीर्थस्थानों में से एक है....
View Articleअम्बाजी : गुजरात का भव्य प्राचीन मंदिर...
गुजरात का अम्बाजी मंदिर बेहद प्राचीन है। मां अम्बा-भवानी के शक्तिपीठों में से एक इस मंदिर के प्रति मां के भक्तों में अपार श्रद्धा है।
View Articleक्या है कटास राज मंदिर का राज
कटासराज मंदिर पाकिस्तान के चकवाल गांव से लगभग 40 कि.मी. की दूरी पर कटस में एक पहाड़ी पर है। कहा जाता है कि यह मंदिर महाभारत काल (त्रेतायुग) में भी था। इस मंदिर से जुड़ी पांडवों की कई कथाएं प्रसिद्ध हैं।
View Articleमां शाकंभरी के 3 पावन शक्तिपीठ जानिए...
मां शाकंभरी के 3 शक्तिपीठ हैं। पहला प्रमुख राजस्थान से सीकर जिले में उदयपुर वाटी के पास सकराय माताजी के नाम से स्थित है। दूसरा स्थान राजस्थान में ही सांभर जिले के समीप शाकंभर के नाम से स्थित है और...
View Articleश्रीनाथजी में कैसे मनती है मकर संक्रांति
मकर संक्रांति पर श्रीनाथजी यानी ठाकुरजी को इन पदों के साथ पूजा जाता है- पढ़ें विस्तार से...
View Articleक्या आप जानते हैं, पृथ्वी पर कहां है मां सरस्वती का निवास....
मां सरस्वती जी के भारत में दो ही सबसे प्राचीन देवस्थल माने जाते हैं ... क्या आप जानते हैं...
View Articleमंदिर, जहां चढ़ता है पत्थरों का चढ़ावा
मांड्या, कर्नाटक। इस राज्य के मांड्या जिले में एक ऐसा मंदिर है जहां भक्तगण एक विचित्र चढ़ावा चढ़ाते हैं। मंदिरों में श्रद्धालु सामान्य तौर पर अपनी इच्छा पूरी होने पर रुपए, पैसे या अन्य मूल्यवान चीजें...
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