क्या महत्व है छोटा चार धाम की यात्रा का, जानिए
हिन्दू सनातन धर्म में चार धाम की यात्रा का बहुत ही महत्व है। मई माह में अक्सर चार धाम की यात्रा प्रारंभ होने के बारे में हम सुनते आएं हैं। परंतु यह चार धाम की यात्रा नहीं बल्कि एक धाम की ही यात्रा रहती...
View Article400 साल तक बर्फ में दबे रहे केदारनाथ धाम के 10 रहस्य
भारतीय राज्य उत्तराखंड में गिरिराज हिमालय की केदार नामक चोटी पर स्थित देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक सर्वोच्च केदारेश्वर ज्योतिर्लिंग का मंदिर। इस संपूर्ण क्षेत्र को केदारनाथ धाम के नाम से जाना...
View ArticleJanaki Jayanti 2021 : जानिए नेपाल के जानकी मंदिर की 5 रोचक बातें, जहां हुआ था...
रामायण काल में मिथिला के राजा जनक थे। उनकी राजधानी का नाम जनकपुर है। जनकपुर नेपाल का प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यह नेपाल की राजधानी काठमांडू से 400 किलोमीटर दक्षिण पूरब में बसा है। यह शहर भगवान राम की...
View Articleउत्तराखंड में एक नहीं पांच केदारनाथ मंदिर हैं, जानिए पंचकेदार का रहस्य
उत्तराखंड पंचबद्री के अलावा पंचकेदार और पंचप्रयाग की महिमा का वर्णन मिलता है। मुख्य केदारनाथ मंदिर के अलावा भी चार ऐसा मंदिर है जिन्हें केदारनाथ ही माना जाता है। आओ जानते हैं इन मंदिरों के नाम और ये...
View Articleबद्रीनाथ एक नहीं 7 है, जानिए सप्त बद्री
हमने जिस तरह आपको पंच कैलाश, पंच केदार आदि हिन्दू तीर्थ के बारे में बताया था उसी तरह अब जानिए सप्त बद्री के बार में संक्षिप्त जानकारी जो उत्तराखंड के चमोली में स्थित है और सभी जगह श्रीहरि विष्णु...
View Articleनृसिंह अवतार का आश्चर्यजनक रहस्य, सिकुलीगढ़ का सच जानकर हैरान रह जाएंगे
पूर्वोत्तर बिहार में पूर्णिया प्रमंडल मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर धरहरा गांव स्थित सिकुलीगढ़ का भी अपना धार्मिक और पुरातात्विक महत्व है।
View Articleबेड़ी हनुमान मंदिर पुरी, जगन्नाथ मंदिर की रक्षा करते हैं रामदूत
भारतीय राज्य ओड़िसा में सप्तपुरियों में से एक है पुरी जहां पर प्रभु जगन्नाथ का विश्व प्रसिद्ध मंदिर है। इसे चार धामों में एक माना जाता है। इस मंदिर को राजा इंद्रद्युम्न ने हनुमानजी की प्रेरणा से...
View Articleकाशी विश्वनाथ के 10 अनसुने रहस्य
बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक ज्योतिर्लिंग काशी में है जिसे बाबा विश्वनाथ कहते हैं। काशी को बनारस और वाराणसी भी कहते हैं। शिव और काल भैरव की यह नगरी अद्भुत है जिसे सप्तपुरियों में शामिल किया गया है। दो...
View Articleब्रह्मकपाली : पितरों की मुक्ति का अंतिम द्वार, जानिए 10 रहस्य
पितरों की मुक्ति हेतु किए जाने वाले कर्म तर्पण, भोज और पिंडदान को उचित रीति से नदी के किनारे किया जाता है। इसके लिए देश में कुछ खास स्थान नियुक्त हैं। देश में श्राद्ध पक्ष के लिए लगभग 55 स्थानों को...
View Articleउज्जैन में विराजमान हैं 3 चमत्कारिक गणेशजी, जानिए अद्भुत जानकारी
विश्व की एक मात्र उत्तर प्रवाह मान क्षिप्रा नदी के पास बसी सप्तपुरियों में से एक भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा स्थली अवंतिका अर्थात उज्जैन को राजा महाकाल और विक्रमादित्य की नगरी कहा जाता है। यहां पर...
View Article15 जून को है चमत्कारिक कैंची धाम का स्थापना दिवस
15 जून को देवभूमि कैंची धाम में मेले का आयोजन होता है और यहां पर देश विदेश से बाबा नीम करौली के भक्त आते हैं। इस धाम में बाबा नीम करौली को भगवान हनुमान का अवतार माना जाता है। यह एक ऐसी जगह है जहां कोई...
View Articleवो श्मशान जिसे माना जाता है तीर्थ स्थल
विश्व की एक मात्र उत्तर प्रवाह मान क्षिप्रा नदी के पास बसी सप्तपुरियों में से एक भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा स्थली अवंतिका अर्थात उज्जैन को राजा महाकाल और विक्रमादित्य की नगरी कहा जाता है। यहां तीन...
View Articleपुष्कर स्थित गायत्री माता का मंदिर
भारत में गायत्री माता के कई प्राचीन मंदिर है परंतु राजस्थान के पुष्करजी में स्थित गायत्री माता के मंदिर को सबसे प्राचीन माना जाता है। पुष्करजी में एक तो माता सती का शक्तिपीठ है, दूसरा ब्रह्माजी का...
View Articleजगन्नाथ पुरी में श्रीकृष्ण, बलभद्र और सुभद्रा देवी की अधूरी मूर्ति स्थापित...
इस संबंध में एक जन प्रचलित कथा है कि एक बार श्रीकृष्ण अचानक नींद में राधे-राधे कहने लगे तो श्रीकृष्ण की आठों पत्नियां चौंक गई और सोचने लगे कि भगवान अभी तक राधा को नहीं भले हैं। सभी ने मिलकर माता...
View Articleरोमांच और खतरों से भरी मां नंदादेवी की अद्भुत यात्रा की 10 बातें
उत्तराखंड के चमोली जिले में जोशीमठ के तपोवन क्षेत्र में नंदा देवी का सबसे ऊंचा पहाड़ है। नंदादेवी के दोनों ओर ग्लेशियर यानी हिमनद हैं। इन हिमनदों की बर्फ पिघलकर एक नदी का रूप ले लेती है। यहां दो बड़े...
View Articleउज्जैन : महाकाल के दर्शन के बाद जरूर करें जूना महाकाल के दर्शन
अनलॉक के बाद उज्जैन में महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन श्रावण मास में हो सकेंगे। सोमवार से महाकाल के दर्शन के लिए मंदिर खोल दिया गया है। 12 ज्योतिर्लिंगों में से महाकाल ही एकमात्र सर्वोत्तम शिवलिंग...
View Articleजगन्नाथ मंदिर का ध्वज क्यों लहराता है हवा की विपरीत दिशा में, जानिए रहस्य
श्री जगन्नाथ मंदिर के ऊपर स्थापित लाल ध्वज सदैव हवा के विपरीत दिशा में लहराता है। ऐसा किस कारण होता है यह तो वैज्ञानिक ही बता सकते हैं लेकिन यह निश्चित ही आश्चर्यजनक बात है। यह भी आश्चर्य है कि...
View Articleक्या पंढरपुर मेले पर भी पड़ेगा कोरोना का साया
पंढरपुर की यात्रा आजकल आषाढ़ में तथा कार्तिक शुक्ल एकादशी को होती है। देवशयनी और देवोत्थान एकादशी को वारकरी संप्रदाय के लोग यहां यात्रा करने के लिए आते हैं। यात्रा को ही 'वारी देना' कहते हैं। प्रत्येक...
View Articleपांडव भी गए थे जगन्नाथजी के दर्शन करने और बच गए थे कौरवों के ढूंढ लिए जाने से
भारतीय राज्य उड़िसा के पुरी तट पर भगवान जगन्नाथ का भव्य और प्राचीन मंदिर है। यह मंदिर राजा इंद्रद्युम्न ने बनवाया था। सैंकड़ों वर्षों तक यह मंदिर रेत में दबा रहा बाद में इसे वहां के राजा ने निकाला और...
View Articleरक्षा सूत्र मौली बांधने के नियम, कब और क्यों बांधी जाती है,जानिए आश्चर्यजनक लाभ
'मौली' का शाब्दिक अर्थ है 'सबसे ऊपर'। मौली का तात्पर्य सिर से भी है। मौली को कलाई में बांधने के कारण इसे कलावा भी कहते हैं। इसका वैदिक नाम उप मणिबंध भी है। मौली के भी प्रकार हैं। शंकर भगवान के सिर पर...
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