Pok का शारदा शक्तिपीठ जहां से लाई गई थी मिट्टी अयोध्या में भूमि पूजन हेतु
अयोध्या में राम जन्मभूमि पूजन हेतु लगभग 100 से अधिक नदियों का जल और 2000 से अधिक स्थानों की मिट्टी को लाया गया। इसमें पीओके में स्थित पवित्र शारदा पीठ से भी प्रसाद और पवित्र मिट्टी को अयोध्या लाया गया...
View Articleअयोध्या का मणि पर्वत, जानिए 5 खास पौराणिक बातें
पवित्र नगरी अयोध्या भारत के प्राचीन नगरों में से एक है। यह चार धर्मों हिंदू, जैन, बौद्ध और सिख का प्रमुख केंद्र है। चारों ही धर्मों के लिए यह नगर पवित्र और तीर्थ नगर है। अयोध्या में एक मणि पर्वत है...
View Articleउज्जैन क्यों है स्वर्ग से भी बढ़कर सब तीर्थों में श्रेष्ठ, जानिए 10 कारण
वैसे तीर्थराज तो प्रयाग है लेकिन संपूर्ण भारत में महाकाल की नगरी उज्जैन को सब तीर्थों में श्रेष्ठ माना जाता है जिसके कई कारण है। पहला यह कि यहां जितने प्रमुख और महत्वपूर्ण स्थान है उतने किसी तीर्थ...
View Articleभगवान श्रीकृष्ण के ये 5 खास मंदिर जहां के दर्शन करने से होगा उद्धार
भगवान श्रीकृष्ण का जन्मदिन हिन्दू माह भाद्रपद की अष्टमी को आता है इस दिन को जन्माष्टमी कहते हैं। संपूर्ण भारत में भगवान श्रीकृष्ण के वैसे तो कई मंदिर है परंतु 5 ऐसे खास मंदिर है जो उनके जीवन में खास...
View Articleदेश के प्रसिद्ध 10 गणेश मंदिर, जहां जाने से होती हैं मुरादें पूर्ण
यूं तो संसार में हजारों गणेश मंदिर हैं। देश-विदेश में भगवान गणेश की कई प्राचीन प्रतिमाएं विराजमान हैं परंतु देश में कुछ ऐसे खास मंदिर हैं जिनकी प्रसिद्धि और प्रताप दूर-दूर तक फैला और जहां लाखों की...
View Articleअमरकंटक : तपोभूमि और प्राकृतिक छटा, जहां जाने से मिलता है मोक्ष
मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ तहसील में स्थित नर्मदा नदी का उद्गम स्थल अमरकंट कई ऋषि-मुनियों की तप-स्थली होने के साथ ही यह स्थल आध्यात्मिक और प्राकृतिक दृष्टि से बहुत ही सुंदर और मनोरम है।...
View Articleनारायण सरोवर के 5 रहस्य जानिए, सबसे पवित्र है यह जगह
पांच महत्वपूर्ण सरोवरों में से एक नारायण सरोवर का संबंध भगवान विष्णु से है। अन्य सरोवरों के नाम हैं- मान सरोवर, बिंदु सरोवर, पंपा सरोवर और पुष्कर सरोवर।
View Articleअधिक मास 2020 : भारत के 5 प्रमुख विष्णु मंदिर
प्राचीनकाल में सबसे ज्यादा मंदिर शिव, विष्णु और दुर्गा माता के हुआ करते हैं। फिर एक समय ऐसा आया जब राम और कृष्ण के मंदिरों की संख्या बढ़ गई। तब विष्णु के अधिकतर मंदिर श्रीकृष्ण के मंदिरों में बदल गए।...
View ArticleAdhik Maas 2020 : अधिकमास पर होगा कोरोना का असर, जानिए शुभ संयोग
अधिकमास 18 सितंबर से शुरू हो रहा है, जिसका 16 अक्टूबर को समापन होगा। इस साल अधिक मास में 15 दिन शुभ योग रहेगा। अधिक मास के दौरान सर्वार्थ सिद्धि योग 9 दिन, द्विपुष्कर योग 2 दिन, अमृत सिद्धि योग 1 दिन...
View Articleकब व कैसे होता है अधिक मास, जानिए विशेष जानकारी
शास्त्रों के अनुसार प्रत्येक तीन वर्ष के बाद पुरुषोत्तम मास आता है। इसे अधिक मास भी कहा जाता है। यह माह अधिक महत्व का माना गया है।
View Articleपुरुषोत्तम माह में सबसे उत्तम तीर्थ पुरुषोत्तम क्षेत्र
धार्मिक शास्त्र और पुराणों के अनुसार हर तीसरे साल अधिक मास यानी पुरुषोत्तम मास की उत्पत्ति होती है। इस मास में भगवान विष्णु का पूजन, जप, तप, दान से अनंत पुण्यों की प्राप्ति होती है। खास तौर पर भगवान...
View Articleनवरात्रि 2020 : तारा शक्तिपीठ के 10 रहस्य
तांत्रिकों की देवी तारा माता को हिन्दू और बौद्ध दोनों ही धर्मों में पूजा जाता है। तिब्बती बौद्ध धर्म के लिए भी हिन्दू धर्म की देवी 'तारा' का काफी महत्व है। नवरात्रि में माता तारा की पूजा और साधना...
View Articleसोलह सोमवार के 16 नियम : पढ़ें 16 सोमवार की 16 बातें ....
सबसे लोकप्रिय व्रतों में से 16 सोमवार का व्रत है। व्रत के विशेष नियम है। आइए पढ़ें 16 सोमवार की 16 बातें ....
View Articleवैष्णो देवी गुफा मंदिर का इतिहास और पौराणिक कथा
वैष्णो देवी का विश्व प्रसिद्ध और प्राचीन मंदिर भारतीय राज्य जम्मू और कश्मीर के जम्मू क्षेत्र में कटरा नगर के समीप की पहाड़ियों पर स्थित है। इन पहाड़ियों को त्रिकुटा पहाड़ी कहते हैं। यहीं पर लगभग 5,200...
View Articleमहाभारत के कर्ण की नगरी करनावद का प्राचीन कर्णेश्वर मंदिर
मालवांचल में पांडव और कौरवों ने अनेक मंदिर बनाएं थे जिनमें से एक है सेंधल नदी के किनारे बसा यह कर्णेश्वर महादेव का मंदिर। करनावद (कर्णावत) नगर के राजा कर्ण यहां बैठकर ग्रामवासियों को दान दिया करते थे...
View Articleमाता के 51 शक्ति पीठ : बहुत ही जागृत है महामाया शक्तिपीठ -1
देवी भागवत पुराण में 108, कालिकापुराण में 26, शिवचरित्र में 51, दुर्गा शप्तसती और तंत्रचूड़ामणि में शक्ति पीठों की संख्या 52 बताई गई है। साधारत: 51 शक्ति पीठ माने जाते हैं। तंत्रचूड़ामणि में लगभग 52...
View Articleमाता के 51 शक्ति पीठ : श्री कात्यायनी पीठ वृन्दावन-2
देवी भागवत पुराण में 108, कालिकापुराण में 26, शिवचरित्र में 51, दुर्गा शप्तसती और तंत्रचूड़ामणि में शक्ति पीठों की संख्या 52 बताई गई है। साधारत: 51 शक्ति पीठ माने जाते हैं। तंत्रचूड़ामणि में लगभग 52...
View Articleमाता के 51 शक्ति पीठ : चट्टल भवानी शक्तिपीठ-3
देवी भागवत पुराण में 108, कालिकापुराण में 26, शिवचरित्र में 51, दुर्गा शप्तसती और तंत्रचूड़ामणि में शक्ति पीठों की संख्या 52 बताई गई है। साधारत: 51 शक्ति पीठ माने जाते हैं। तंत्रचूड़ामणि में लगभग 52...
View Articleमाता के 51 शक्ति पीठ : विशालाक्षी शक्तिपीठ वाराणसी-4
देवी भागवत पुराण में 108, कालिकापुराण में 26, शिवचरित्र में 51, दुर्गा शप्तसती और तंत्रचूड़ामणि में शक्ति पीठों की संख्या 52 बताई गई है। साधारत: 51 शक्ति पीठ माने जाते हैं। तंत्रचूड़ामणि में लगभग 52...
View Articleमाता के 51 शक्ति पीठ : शर्कररे शक्तिपीठ-5
देवी भागवत पुराण में 108, कालिकापुराण में 26, शिवचरित्र में 51, दुर्गा शप्तसती और तंत्रचूड़ामणि में शक्ति पीठों की संख्या 52 बताई गई है। साधारत: 51 शक्ति पीठ माने जाते हैं। तंत्रचूड़ामणि में लगभग 52...
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