51 Shaktipeeth : भैरवपर्वत अवंती शक्तिपीठ-41
देवी भागवत पुराण में 108, कालिकापुराण में 26, शिवचरित्र में 51, दुर्गा शप्तसती और तंत्रचूड़ामणि में शक्ति पीठों की संख्या 52 बताई गई है। साधारत: 51 शक्ति पीठ माने जाते हैं। तंत्रचूड़ामणि में लगभग 52...
View Article51 Shaktipeeth : जनस्थान भ्रामरी नासिक महाराष्ट्र शक्तिपीठ-42
देवी भागवत पुराण में 108, कालिकापुराण में 26, शिवचरित्र में 51, दुर्गा शप्तसती और तंत्रचूड़ामणि में शक्ति पीठों की संख्या 52 बताई गई है। साधारत: 51 शक्ति पीठ माने जाते हैं। तंत्रचूड़ामणि में लगभग 52...
View Article51 Shaktipeeth : सर्वशैल कोटिलिंगेश्वर मंदिर आंध्रप्रदेश शक्तिपीठ-43
देवी भागवत पुराण में 108, कालिकापुराण में 26, शिवचरित्र में 51, दुर्गा शप्तसती और तंत्रचूड़ामणि में शक्ति पीठों की संख्या 52 बताई गई है। साधारत: 51 शक्ति पीठ माने जाते हैं। तंत्रचूड़ामणि में लगभग 52...
View Article51 Shaktipeeth : रत्नावली कुमारी शक्तिपीठ-44
देवी भागवत पुराण में 108, कालिकापुराण में 26, शिवचरित्र में 51, दुर्गा शप्तसती और तंत्रचूड़ामणि में शक्ति पीठों की संख्या 52 बताई गई है। साधारत: 51 शक्ति पीठ माने जाते हैं। तंत्रचूड़ामणि में लगभग 52...
View Article51 Shaktipeeth : उमा महादेवी मिथिला जनकपुर नेपाल शक्तिपीठ-45
देवी भागवत पुराण में 108, कालिकापुराण में 26, शिवचरित्र में 51, दुर्गा शप्तसती और तंत्रचूड़ामणि में शक्ति पीठों की संख्या 52 बताई गई है। साधारत: 51 शक्ति पीठ माने जाते हैं। तंत्रचूड़ामणि में लगभग 52...
View Article51 Shaktipeeth : कर्णाट जयदुर्गा कर्नाटक शक्तिपीठ-46
देवी भागवत पुराण में 108, कालिकापुराण में 26, शिवचरित्र में 51, दुर्गा शप्तसती और तंत्रचूड़ामणि में शक्ति पीठों की संख्या 52 बताई गई है। साधारत: 51 शक्ति पीठ माने जाते हैं। तंत्रचूड़ामणि में लगभग 52...
View Article51 Shaktipeeth : वक्रेश्वर महिषमर्दिनी पश्चिम बंगाल शक्तिपीठ-47
देवी भागवत पुराण में 108, कालिकापुराण में 26, शिवचरित्र में 51, दुर्गा शप्तसती और तंत्रचूड़ामणि में शक्ति पीठों की संख्या 52 बताई गई है। साधारत: 51 शक्ति पीठ माने जाते हैं। तंत्रचूड़ामणि में लगभग 52...
View Articleनवरात्रि : भारत से बाहर हैं ये प्रमुख 9 शक्तिपीठ
108 अज्ञात शक्तिपीठ में से 51 शक्तिपीठ ज्ञात हैं जिसमें से 9 शक्तिपीठ वर्तमान भारत से बाहर स्थापित हैं। प्राचीन भारत की सीमाएं वहां तक थीं जहां तक 108 ज्योतिर्लिंग और 108 ही शक्तिपीठ स्थापित थे और जहां...
View Article51 Shaktipeeth : अट्टहास- फुल्लरा पश्चिम बंगाल शक्तिपीठ-48
देवी भागवत पुराण में 108, कालिकापुराण में 26, शिवचरित्र में 51, दुर्गा शप्तसती और तंत्रचूड़ामणि में शक्ति पीठों की संख्या 52 बताई गई है। साधारत: 51 शक्ति पीठ माने जाते हैं। तंत्रचूड़ामणि में लगभग 52...
View Article51 Shaktipeeth : नंदीपूर- नंदिनी पश्चिम बंगाल शक्तिपीठ-49
देवी भागवत पुराण में 108, कालिकापुराण में 26, शिवचरित्र में 51, दुर्गा शप्तसती और तंत्रचूड़ामणि में शक्ति पीठों की संख्या 52 बताई गई है। साधारत: 51 शक्ति पीठ माने जाते हैं। तंत्रचूड़ामणि में लगभग 52...
View Article51 Shaktipeeth : लंका इंद्राक्षी श्रीलंका शक्तिपीठ-50
देवी भागवत पुराण में 108, कालिकापुराण में 26, शिवचरित्र में 51, दुर्गा शप्तसती और तंत्रचूड़ामणि में शक्ति पीठों की संख्या 52 बताई गई है। साधारत: 51 शक्ति पीठ माने जाते हैं। तंत्रचूड़ामणि में लगभग 52...
View Article51 Shaktipeeth : श्री अंबिका विराट राजस्थान शक्तिपीठ-51
देवी भागवत पुराण में 108, कालिकापुराण में 26, शिवचरित्र में 51, दुर्गा शप्तसती और तंत्रचूड़ामणि में शक्ति पीठों की संख्या 52 बताई गई है। साधारत: 51 शक्ति पीठ माने जाते हैं। तंत्रचूड़ामणि में लगभग 52...
View Articleतांत्रिकों की स्थली दंतेश्वरी मंदिर दंतेवाड़ा छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्र दंतेवाड़ा में बहुत ही प्राचीन स्थान है जहां पर माता दंतेश्वरी का मंदिर है। परंपरा से देवी दन्तेश्वरी बस्तर राज्य के आदिवासियों की कुलदेवी हैं। इसे काकतीय राजाओं की...
View Articleकन्याकुमारी तीर्थ और प्रकृति का अद्भुत संगम, 10 रोचक बातें
कन्याकुमारी हिन्दुओं का प्रमुख तीर्थस्थल है और साथ ही यह पर्यटन प्रेमियों के लिए बहुत ही अद्भुत डेस्टिनेशन है। भारत के दक्षिणी छोर पर बसा कन्याकुमारी हमेशा से ही टूरिस्ट्स की फेवरेट जगह रही है। आओ...
View Article7 नवंबर 2020 को शनि पुष्य नक्षत्र है जानिए सबसे अच्छा मुहूर्त
शनिवार, 7 नवंबर 2020 को पुष्य नक्षत्र 8.05.00 से लगेगा, जो रविवार, 8 नवंबर 2020 को 8.45.00 बजे तक रहेगा।
View Articleमाता लक्ष्मी के 10 प्रसिद्ध मंदिर, जहां जाने से आर्थिक संकट हो जाता है समाप्त
देवी लक्ष्मी को धन और समृद्धि प्रदान करने वाली देवी माना जाता है। मान्यता है कि माता लक्ष्मी के मंदिर में जाकर पूजन-अर्चन करने से आर्थिक संकट समाप्त हो जाता है। खासकर शुक्रवार को यहां जाना चाहिए।...
View Articleकेरल के शानदार समुद्री तट, जानिए केरला के बारे में अद्भुत जानकारी
भारत की दक्षिण-पश्चिमी सीमा पर अरब सागर और सह्याद्रि पर्वत श्रृंखलाओं के मध्य स्थित केरल भारत का सबसे प्राचीन और ऐतिहासिक स्थलों वाला राज्य है। इसकी राजधानी तिरुवनन्तपुरम (त्रिवेन्द्रम) है। यहां की...
View Articleजम्मू क्षेत्र के धार्मिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक पर्यटन स्थल
जम्मू, कश्मीर और लद्दाख दरअसल यह तीन अलग-अलग क्षेत्र हैं। भारत सरकार ने लद्दाख को संवैधानिक तरीके से वहां की जनता की मांग के अनुसार एक नया राज्य बना दिया गया है। भारत सरकार के 370 धारा हटाने के बाद...
View Articleपंढरपुर का मेला महाराष्ट्र, जानिए मंदिर, यात्रा और भक्तराज पुंडलिक के बारे में
पंढरपुर की यात्रा आजकल आषाढ़ में तथा कार्तिक शुक्ल एकादशी को होती है। देवशयनी और देवोत्थान एकादशी को वारकरी संप्रदाय के लोग यहां यात्रा करने के लिए आते हैं। यात्रा को ही 'वारी देना' कहते हैं। प्रत्येक...
View Articleकश्मीर क्षेत्र के ऐतिहासिक, धार्मिक और प्राकृतिक पर्यटन स्थल
जम्मू, कश्मीर और लद्दाख दरअसल तीन अलग-अलग क्षेत्र हैं। तीनों ही के कुछ भाग पाकिस्तान ने अपने कब्जे में ले रखे हैं। जम्मू संभाग का क्षेत्रफल पीर पंजाल की पहाड़ी रेंज में खत्म हो जाता है। इस पहाड़ी के...
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